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लोकसभा चुनाव 2024
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दिग्विजय सिंह ने राजगढ़ लोकसभा चुनाव में अनियमितता का आरोप लगाते हाईकोर्ट में दायर की याचिका
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By Samridh Bharat
भोपाल, 17 जुलाई वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को राजगढ़ लोकसभा चुनाव में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। चुनाव में वह भाजपा के रोडमल नागर से 1,46,089 मतों के अंतर से...
लोकसभा चुनाव में हार का कारण जानने शिमला पहुंची कांग्रेस की दो सदस्यीय टीम
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By Samridh Bharat
शिमला, 15 जुलाई कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश की चारों सीटें हार गई थी। हार के विश्लेषण को लेकर कांग्रेस आलाकमान द्वारा दो सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जिसमें पूर्व सांसद पीएल पूनिया व सांसद रजनी...
कभी नीतीश तो कभी हेमंत से मुलाकात, राजनीति के चौराहे पर झारखंडी सियासत का भीष्म पितामह सरयू राय
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By Devendra Kumar
विधान सभा में एंट्री के लिए सरयू राय झामुमो या कांग्रेस किसी का भी पट्टा पहनने को तैयार हैं. लेकिन यदि इस बीच भाजपा के बंद दरवाजे खुल जाते हैं, रघुवर दास के आपत्ति को ताक पर रखते हुए भाजपा आलाकमान एंट्री का पास जारी देता है, तब सरयू राय की पहली पसंद भाजपा ही होगी. कुल मिलाकर सरयू राय उस सियासी चौराहे पर खड़े हैं, जहां से रास्ता जाता तो हर तरफ है, लेकिन मुश्किल यह है कि हर सिग्नल रेड है. फिलवक्त सरयू राय बेसब्री से ग्रीन सिग्नल का इंतजार कर रहे हैं.
सुर्खियों के आदी गोड्डा सांसद निशिकांत ने फिर से छोड़ा सियासी तीर! सात दिनों के अंदर कल्पना सोरेन की ताजपोशी का दावा
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By Devendra Kumar
कई सियासी जानकारों का दावा है कि इस बार के मंत्रिमंडल विस्तार में एक के बजाय दो चेहरे को जगह मिल सकती है. जिसमें एक चेहरा कल्पना सोरेन का भी हो सकता है. ताकि चंपाई सोरेन के नेतृत्व में काम करते हुए कल्पना सोरेन को सरकार चलाने का अनुभव प्राप्त हो सके, और विधान सभा चुनाव के बाद राज्य की बागडोर सौंपी जा सकें.
सीएम चंपाई सोरेन के विधान सभा में गीता कोड़ा ने खिलाया भाजपा का कमल, जानिये क्या है यह कहानी
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By Devendra Kumar
जिस हो-संताल विवाद को हवा देकर भाजपा अपनी सियासी फसल काटने का मंशा पाल रही थी, आदिवासी समाज ने उसे सिरे से ठुकरा दिया, और इससे के साथ ही बाबूलाल का ऑपरेशन सीता-गीता भी नाकामयाब हो गया.
Dumka Lok Sabha Election Results: देवर बसंत के गढ़ में भाभी सीता का जादू, चुनाव के पहले भाभी-देवर की मुलाकात बनी थी सुर्खियां
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By Devendra Kumar
नामाकंन से ठीक पहले बसंत सोरेन और सीता सोरेन के बीच दु्मका में एक मुलाकात हुई थी, तब वह मुलाकात अखबारों की सुर्खियां बनी थी, बसंत सोरेन ने दावा किया था कि भाभी सीता सोरेन का भाजपा से मन भर चुका है, और वह झामुमो में वापसी करना चाहती है. लेकिन अब बसंत सोरेन के विधान सभा से सीता सोरेन को बढ़त मिलने बाद देवर भाभी के उस बयान को नये सिरे से समझने की कोशिश की जा रही है.
अभी भी झामुमो विधायक हैं सीता सोरेन! बागी चमरा लिंडा और लोबिन हेम्ब्रम भी तीर-धनुष के साथ
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By Devendra Kumar
अब जब इन बागियों के उपर पार्टी की तलवार लटक रही है, विधायकी जाने का खतरा मंडरा रहा है, तो मामले को कानूनी और तकनीकी पेंच में फंसाने की कोशिश की जा रही है.जेपी भाई पटेल के खिलाफ भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष के न्यायाधीकरण में शिकायत की है. जिसके बाद जवाब की मांग की गयी है, लेकिन जेपी भाई पटेल बार- बार समय की मांग कर मामले को खिंचने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं.
अपने ही विधान सभा में मनीष जायसवाल के हाथों पिछड़ गयें जेपी भाई पटेल, अम्बा का गढ़ बड़कागांव में भी खिला कमल
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By Devendra Kumar
क्या दूसरे कई लोकसभा क्षेत्रों की तरह हजारीबाग में भी भीतरघात का खेल हुआ. बड़कागांव और बरही विधान सभा से कांग्रेस का पिछड़ना कई सवाल खड़ा करता है, क्या जेपी भाई पेटल की इंट्री के बाद अम्बा एक अंदर कोई नाराजगी पसर रही थी? जिसका असर बड़कागांव में देखने को मिला?
गोड्डा में भीतरघात का खेल! मंत्री बादल पत्रलेख के विधान सभा से 44 हजार से पिछड़े प्रदीप यादव
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By Devendra Kumar
इस हालत में सवाल खड़ा होना लाजमी है कि क्या गोड्डा में प्रदीप यादव के साथ भीतरघात का खेल हुआ? लेकिन इस खेल को समझने के पहले यह भी याद रखना जरुरी है कि जिस दीपिका सिंह पांडेय को बेटिकट कर प्रदीप यादव को टिकट दिया गया था, उस महागामा विधान सभा से प्रदीप यादव को निशिकांत दुबे की तुलना में अधिक वोट मिला, तो फिर यह खेल किसने खेला?
Jharkhand Politics: लोकसभा चुनाव की रणभेरी पर विराम, अब शुरु हुआ विधान सभा चुनाव का महासंग्राम
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By Devendra Kumar
क्या लोकसभा चुनाव में आदिवासी बहुल तमाम सीटों से भाजपा के सफाये के बावजूद बाबूलाल की कुर्सी सही सलामत रहने वाली है? या फिर पार्टी के अंदर से नेतृत्व परिवर्तन की मांग उठेगी? हालांकि एक सच यह भी है कि तमाम नाकामियों के बावजूद भाजपा के पास बाबूलाल से बेहतर कोई दूसरा चेहरा नजर नहीं आता
Lok Sabha Elections 2024:संजय सेठ की दूसरी पारी का असली किरदार कौन!
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By Devendra Kumar
यह मानने में कोई हिचक नहीं है कि कांग्रेस रणनीतिकारों जिस तरीके से सामाजिक समीकरणों की उपेक्षा कर टिकटों का बंदरवाट किया, उसका नुकसान उठाना पड़ा. और इस असंतोष की बीच देवेन्द्रनाथ महतो जैसा एक नया खिलाड़ी भी अपने साथ 1,32,647 वोट ले गया
जोबा मांझी के सामने चूक गया बाबूलाल का ब्रह्मास्त्र, हो-संताल विवाद के बावजूद नहीं खिला कमल
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By Devendra Kumar
बाबूलाल यह भूल गयें कि चाईबासा लोकसभा के किसी भी विधान सभा में आज कमल कोई वजूद नहीं है, सिर्फ गीता के सहारे इस महाभारत को जीतने की हसरत पूरी होने वाली नहीं है, और वह भी आदिवासी समाज के सबसे चेहते नेता को कालकोठरी में बंद कर. जेल में बंद हेमंत खूली हवा में सांस लेते बाबूलाल पर भारी पड़े
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