संविधान की रक्षा के लिए इंडिया गठबंधन को समर्थन: धर्मगुरु बंधन तिग्गा

 
मांडर : लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर ऐतिहासिक जतरा खूंटा शक्ति स्थल के परिसर मुड़मा मांडर में महापंचायत का आयोजन किया गया जिसमें लोहरदगा लोकसभा के सभी प्रखंडों से लगभग 500 सामाजिक चिंतकों और आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधि एवं सामाजिक अगुवागण भाग लिए महापंचायत की अध्यक्षता राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष-सह-सरना धर्मगुरू  बंधन तिग्गा ने किया एवं संचालन सीताराम भगत ने की ।

बैठक में केंद्र में पिछले 10 वर्षों से काबिज भारतीय जनता पार्टी, वर्तमान प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी एनडीए गठबंधन और आरएसएस समर्थक सरकार के कामकाज की समीक्षा की गई, विचारोपरान्त यह पाया गया कि विगत 10 वर्षों से बीजेपी सरकार आदिवासियों के साथ शोषण, दमन, उत्पीड़न, जुल्म, अत्याचार और उपेक्षित ही किया है। वक्ताओं ने कहा कि एनडीए सरकार अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम को कमजोर किया, भूमि अधिग्रहण कानून को कमजोर किया, वन अधिकार अधिनियम में बदलाव लाया जिससे देश के आदिवासी प्रभावित हुए और होंगे, मणिपुर में आदिवासी महिलाओं के साथ अमानवीय घटना हुई, मध्य प्रदेश में आदिवासी युवक के ऊपर पेशाब किया गया, हसदेव जंगल को उजाड़ा, लद्दाख में पर्यावरण से छेड़छाड़ का प्रयास, आदिवासी को वनवासी बोलना, आदिवासियों के धार्मिक पहचान वाली मांग सरना धर्म कोड को खारिज किया गया, आदिवासी को हिंदू घोषित करना, सरना को सनातन से जोड़ना, राम मंदिर निर्माण को लेकर सरना स्थल की मिट्टी का दुरुपयोग किया गया, देश में नफरत फैलाना, बीजेपी व आरएसएस द्वारा आरक्षण खत्म करने का विचार, संविधान बदलने की बात करना l 
 
मनुस्मृति संविधान लागू करने की मंशा रखना, वर्ण व्यवस्था में उलझाए रखना, आदिवासियों को शुद्र की श्रेणी में रखना, भारत सरकार के जनगणना प्रपत्र में अन्य कॉलम को हटा देना, भारत सरकार के पदों में बहाली रोक देना, नौकरी देने में असफल रहना, आदिवासियों की धार्मिक सरना स्थलों, ससनदिरि जमीन को लैंड बैंक भूमि में डालकर समाप्त करने की साजिश करना, सीएनटी एक्ट, एसपीटी एक्ट बचाओ महारैली के क्रम में रघुवर दास की सरकार द्वारा खूंटी में गोली चलवाना, राम जन्मभूमि का शिलान्यास एवं उद्घाटन और संसद भवन का शिलान्यास एवं उद्घाटन कार्यक्रम में देश की आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू  को अलग रखना, लोकतंत्र को ताक में रखकर देश के अन्य धर्म के साथ भेदभाव करना, आदिवासियों के विशेषाधिकार को समाप्त करने के उद्देश्य से यूसीसी जैसे कानून लागू‍ करना, आदिवासियों की पांचवी एवं छठी अनुसूची का अनुपालन नहीं करना, वर्तमान लोहरदगा सांसद सुदर्शन भगत 15 साल तक सांसद रहे, समीर उरांव 6 साल तक राज्यसभा सांसद रहे। इन लोगों ने आदिवासी समाज के लिए कुछ नहीं किया। समीर उरांव का कहना है कि देश के बड़े संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक का मैं एक सच्चा सेवक हूंँ। जबकि आदिवासी समाज को आदिवासी सेवक की जरूरत है। बीजेपी, विपक्ष मुक्त भारत की परिकल्पना रखती है, जो लोकतंत्र के लिए खतरा है।
 
 
चमरा लिंडा 15 साल तक बिशनपुर के विधायक रहे। उन्होंने आदिवासियों को सिर्फ ठगने का ही काम किया। संविधान और देश बचाने के लिए पूरे देश के राजनीतिक पार्टियों ने इंडिया गठबंधन बनाया, इससे कमजोर करने के लिए चमरा लिंडा निर्दलीय खड़ा हो गए। 15 साल में विधानसभा में आवाज नहीं उठाये, लोकसभा में क्या करेंगे।

राहुल गांधी  के बयान की भी समीक्षा की गई। उन्होंने आदिवासियों को भारत का मूल मालिक बताया, सरना धर्म कोड देने की बात कही, आदिवासी हित व संरक्षण के लिए भूमि अधिग्रहण कानून बनाने व वन अधिकार कानून बनाने, आदिवासियों को हिफाजत करने की बात कही है। सोमवार की बैठक में वक्ताओं द्वारा रखे गए सभी विषयों पर समीक्षा की गई। अत: संविधान को बचाने, लोकतंत्र की रक्षा करने, आरक्षण को बचाने, आदिवासियों के संरक्षण हो, ऐसे विचारों को ध्यान में रखते हुए लोहरदगा लोकसभा के इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी  सुखदेव भगत  (हाथ छाप) को समर्थन करने की घोषणा सर्वसम्मति से किया गया।
 
 
Edited By: Anu Singh

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