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यमन के हूती विद्रोहियों का दावा, अमेरिकी ड्रोन को मार गिराया
अदन (यमन), 8 सितंबर (आईएएनएस)। यमन के हूती समूह ने दावा किया है कि उन्होंने अमेरिकी ड्रोन को मार गिराया है।
उन्होंने कहा कि उनके एयर डिफेंस ने पूर्वोत्तर प्रांत मारिब के ऊपर एक अमेरिकी एमक्यू-9 ड्रोन को सफलतापूर्वक मार गिराया है।
शिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार हूती सैन्य प्रवक्ता याह्या सरिया ने शनिवार को कहा कि ''सशस्त्र समूह द्वारा मार गिराया गया यह आठवां ड्रोन है, जो " दमन का शिकार फिलिस्तीनियों की जीत और यमन के खिलाफ अमेरिकी-ब्रिटिश आक्रामकता के जवाब में किया गया था।''
सरिया ने कहा, ड्रोन को गलत इरादों से भेजा गया था जिसे मार गिराया गया। हालांकि, यमन सरकार समर्थक सशस्त्र बलों के मुताबिक, "अमेरिकी ड्रोन को मार गिराने के हूती के दावे का कोई सबूत नहीं मिला है।"
सूत्र के अनुसार "इस तरह के दावे अक्सर हूती द्वारा युद्ध में अपने सैनिकों के मनोबल को बढ़ाने की रणनीति के रूप में किए जाते हैं।"
हूती के दावे को लेकर अभी तक अमेरिका की ओर से कोई पुष्टि नहीं की गई है।
एमक्यू-9, जिसे रीपर के नाम से भी जाना जाता है, एक मानव रहित व्हीकल है जिसका उपयोग मुख्य रूप से अमेरिकी सेना और खुफिया संगठनों द्वारा निगरानी और युद्ध संचालन दोनों के लिए किया जाता है।
हूती विद्रोहियों ने दावे की पुष्टि के लिए कोई फोटो या वीडियो जारी नहीं किया है, जैसा कि उसने पहले किया था, हालांकि ऐसी चीजें कुछ दिनों बाद प्रोपेगेंडा फुटेज में दिखाई दे सकती है।
हालांकि, 2014 में यमन की राजधानी सना पर कब्जा करने के बाद से हूती ने पिछले कुछ साल में कई जनरल एटॉमिक एमक्यू-9 रीपर ड्रोन मार गिराए हैं।
इजरायल-हमास युद्ध की शुरुआत के बाद से उन हमलों में तेजी से वृद्धि हुई है और हूती ने लाल सागर कॉरिडोर में शिपिंग को टारगेट करते हुए अपना अभियान शुरू किया है।
सारी ने इस बारे में कोई डिटेल नहीं दिया कि विद्रोहियों ने विमान को कैसे मार गिराया। हालांकि, ईरान ने सालों से विद्रोहियों को जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल से लैस किया है जिसे 358 के नाम से जाना जाता है।
ईरान विद्रोहियों को हथियार देने से इनकार करता है, हालांकि संयुक्त राष्ट्र के हथियार प्रतिबंध के बावजूद तेहरान निर्मित हथियार युद्ध मैदान और यमन की ओर जाने वाले समुद्री जहाजों में पाए गए हैं।
सारी ने कहा, ''हूती दमन के शिकार फिलिस्तीनी लोगों की जीत और प्रिय यमन की रक्षा में अपने जिहादी कर्तव्यों का पालन करना जारी रखेंगे।''
रीपर्स, जिसकी कीमत लगभग 30 मिलियन डॉलर है, 50,000 फीट (15,240 मीटर) तक की ऊंचाई पर उड़ सकते हैं और उतरने से पहले 24 घंटे हवा में रहने की क्षमता रखते हैं। ये विमान सालों से यमन के ऊपर अमेरिकी सेना और सीआईए दोनों द्वारा उड़ाए जाते रहे हैं।
दावे के बाद, हूती अल-मसीरा सैटेलाइट समाचार चैनल ने इब्ब शहर के पास अमेरिका के नेतृत्व में कई हवाई हमलों की सूचना दी। अमेरिकी सेना ने तुरंत हमलों को स्वीकार नहीं किया, लेकिन जनवरी से ही अमेरिका हूती के ठिकानों पर जोरदार हमले कर रहे हैं।
अक्टूबर में गाजा में युद्ध शुरू होने के बाद से हूतियों ने मिसाइलों और ड्रोन से 80 से अधिक व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाया है। उन्होंने अभियान में एक जहाज को जब्त कर लिया और दो को डुबो दिया, जिसमें चार नाविक भी मारे गए थे।
अन्य मिसाइलों और ड्रोनों को या तो लाल सागर में अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा रोक दिया गया है या वे अपने लक्ष्य तक पहुंचने में विफल रहे हैं, जिनमें पश्चिमी सैन्य जहाज भी शामिल हैं।
---आईएएनएस
एसएम/केआर